दशहरा क्यों मनाया जाता है? | Dussehra Festival in Hindi

दोस्तों, भारत त्योहारों की धरती है और हमें पता है यहाँ हर त्यौहार का अपना खास महत्व होता है। इन्हीं में से एक प्रमुख त्योहार है दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है। यह त्यौहार हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। दशहरा अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।

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दशहरा क्यों मनाया जाता है?

दशहरे के पीछे दो मुख्य धार्मिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं:
 
1. भगवान राम और रावण की कथा

रामायण के अनुसार, रावण ने माता सीता का हरण किया था। भगवान श्रीराम ने हनुमान, लक्ष्मण और वानर सेना की मदद से लंका पर चढ़ाई की और रावण का वध किया।
यह घटना सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक है। इसीलिए दशहरे के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं।
 
2. माँ दुर्गा और महिषासुर की कथा

दूसरी मान्यता के अनुसार, असुरराज महिषासुर ने देवताओं को पराजित कर स्वर्गलोक पर कब्जा कर लिया था। तब देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन महिषासुर का वध कर दिया।
इसी वजह से इस दिन को विजयादशमी कहा जाता है।
दशहरा कैसे मनाया जाता है?


जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है।




शाम को रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं।




लोग इस दिन अपने घरों में शुभ कार्य की शुरुआत करते हैं।


कई स्थानों पर शस्त्र पूजन और वाहन पूजा भी की जाती है।



दशहरे से मिलने वाली सीख :-



हमेशा सत्य और धर्म का मार्ग अपनाना चाहिए।


कितना भी बड़ा बुराई करने वाला हो, उसका अंत निश्चित है।


धैर्य, साहस और एकता से बड़ी से बड़ी समस्या पर विजय पाई जा सकती है।

 
निष्कर्ष

दशहरा सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि एक प्रेरणा है, जो हमें सिखाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है।

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